तो यार 2 मिनट लगते हैं मैगी बनाने में, 2 मिनट उसको खाने में और बाकी दो में बर्तन साफ हो जाते हैं| 6 मिनट सिर्फ इतने में समझा दूंगी आपको कि पुष्पा 2 इंडिया की सबसे बड़ी फिल्म बनने जा रही है या फिर नहीं, बोलो मंजूर भरोसा ना हो शायद आपको बट फिल्म देख ली है मैंने| टोटल 10 पॉइंट्स बताती हूं जिसके बाद एकदम क्लियर हो जाएगा आपको| पुष्पा टू देखनी चाहिए या फिर नहीं, किसके साथ देखनी है या फिर किससे छुपा के देखनी है|

पहले कहानी से मिल लेते हैं एकदम शॉर्ट में| पार्ट वन जिसने देखा है वो 50 प्रतिशत स्टोरी ऑलरेडी जानता है बस फर्क इस बार यह है कि पुष्पा खुद पुष्पा से लड़ रहा है| भँवर सिंह जब पिछली बार फिल्म में आए थे तो वो एक पुलिस ऑफिसर थे इस बार वो खुद पुष्पा बन चुके हैं| मतलब बेइज्जती के बाद अब इनको चाहिए फुल इज्जत, बट लड़ाई इन दोनों के बीच इतनी सीधी नहीं है| ये एक जंगल है जिसमें बहुत सारे जानवर रहते हैं, कौन कब कहां से निकलेगा वही तो फिल्म की असली कहानी है| कुछ शेर की तरह सामने से अटैक करना चाहते हैं तो कुछ लोमड़ी की तरह पीछे से दिमाग लगाते हैं, सिर्फ एक गलती और आपका शिकार पक्का हो गया|

कमाल की बात यह है कि इस बार पुष्पा बदल गया है| मालिक की एक लकड़ी के लिए खुद की जान दाव पर लगाने वाला अब खुद मालिक बन चुका है, इंटरनेशनल पुष्पा| वो कहानी सुनी है राजा तोते वाली तो पुष्पा का तोता है श्रीवल्ली, अगर पुष्पा को जान से मारना है तो तोते की गर्दन मरोड़ दो राजा अपने आप खत्म हो जाएगा| यह प्लानिंग काफी लोगों के दिमाग में चल रही है लेकिन इतना आसान होता तो पार्ट 1 में जॉली रेडी नहीं कर लेता| उसका कमबैक भी होगा चिंता मत करो उससे पहले बहुत बड़ी बैड न्यूज़ है मेरे पास| इतना ज्यादा मार खाते हुए, पिटते हुए आपने पुष्पा को आज से पहले कभी नहीं देखा होगा| यह झटका लगेगा बट दुश्मन यह नहीं जानते अगर हार के जीतने वाले को बाजी कर कहते हैं तो मर के जिंदा होने वाले को पुष्पा कहते हैं|वापसी वो भी एक आफत की तरह, कांतारा के लास्ट 10 मिनट याद हैं कुछ वैसा ही रिपीट होने वाला है, शर्त लगा लो आंखें फटी की फटी रह जाएंगी|

तो अब चलते हैं पॉइंट नंबर वन की तरफ पुष्पा वन वर्सेस पुष्पा टू सबसे बड़ा अंतर क्या है दोनों फिल्मों में, आसान सा जवाब है फिल्म का बजट, पूरे 400 करोड़| एक्शन सींस बहुत ज्यादा बड़े हो गए हैं सिर्फ लंबाई में नहीं उनका लेवल भी बढ़ गया है| पिछली बार सिर्फ जंगल था इस बार समुंदर बोनस मिलेगा| पार्ट वन में सिर्फ हाथ पैर की लड़ाई थी इस बार बंदूक से वॉर लड़ा जा रहा है| फिल्म ने पैसा कमाया तो पार्ट टू में खर्च भी किया है वो आपको दिख जाएगा|

पॉइंट नंबर टू, पुष्पा द रूल एक सीरियस फिल्म है| भाई स्टार्टिंग सीन थिएटर में घुसते ही समझ जाओगे आप, इस बार मजाक नहीं चल रहा है| पार्ट वन में तो सब कुछ इजी था, पुष्पा दिमाग से बड़े-बड़े विलेंस को ठिकाने लगा रहा था इस बार मामला टक्कर का है| पुष्पा पास और फेल दोनों हो सकता है ऑलरेडी बता चुकी हूं मैं आपको| पुष्पा के साथ वो चीजें होंगी इस फिल्म में जो पार्ट वन में शायद इमेजिन भी नहीं कर सकते थे| ये डर ही पुष्पा टू को पुष्पा वन से अलग बनाएगा ऐसा कुछ पार्ट वन में फील नहीं किया था आपने|

पॉइंट नंबर तीन, पुष्पा एक आसान फिल्म है ज्यादा दिमाग लगाना नहीं है, इसको हर कोई आसानी से समझ लेगा और दूसरों को आसानी से समझा भी देगा शायद इसी कारण फिल्म ज्यादा बिकेगी भी| मतलब एनिमल के जैसा कुछ नहीं है यहां पे| टिकट बुक करने से पहले 10 बार सोचना नहीं पड़ेगा आराम से फैमिली के साथ जा सकते हो बाद में जम के डिबेट करना पुष्पा हीरो है या विलन| वैसे पता है सेंसर बोर्ड ने कुछ कुछ पार्ट्स हटाए हैं फिल्म से जिनमें हाथ और पैर काटने वाले सींस थे, वार्निंग दे रही हूं खून खराबा, मारधाड़ है इस फिल्म में|

पॉइंट नंबर चार, पुष्पा टू एक टोटल मास फिल्म है मतलब सिर्फ कहानी बताने पे नहीं कहानी को कैसे बड़ा दिखाया जाए उस पर स्पेशल फोकस किया है| जैसे KGF 2 में बहुत सारे मोमेंट्स थे ना जो आज भी आपको नाम से याद है वैसी चीजें पुष्पा टू में भी मिलेंगी| थिएटर में कान फट जाएंगे इन सींस की वजह से ही| देखी दिखाई फिल्म दोबारा देख ली ऐसा नहीं लगेगा, पुष्पा टू एक टोटल नई फ्रेश फिल्म है जिसके अंदर इमोशंस वही पुराने रखे गए हैं| यहां पे कुछ लोगों को मौका मिलेगा केजीएफ की तरह पुष्पा को ट्रोल करने का लॉजिक वर्सेस सिनेमा का टॉपिक वापस खोल देंगे, लेकिन वो क्या जाने फिल्म को फेस्टिवल में ऐसे ही बदला जाता है|

पॉइंट नंबर पांच, पार्ट वन में सिर्फ पुष्पा की कहानी सुनाई जा रही थी लेकिन पार्ट टू में पुष्पा की पूरी दुनिया बनाई जा रही है| जैसे मान लो वो एक रियल लाइफ कैरेक्टर है, लोगों के साथ पुष्पा का कनेक्शन ये चीज पार्ट वन में कहीं नहीं दिखाई थी लेकिन इस बार फिल्म का अच्छा खासा टाइम खर्च हुआ है, उस चीज को ऑडियंस को फील कराने में, इससे फायदा यह होगा कि आप पुष्पा के साथ इमोशनली जुड़ जाओगे| मैंने बताया ना इस बार सब अच्छा-अच्छा नहीं है कुछ बहुत बुरा भी हो सकता है, उस वक्त आपको भी सेम वैसा ही बुरा लगना चाहिए वरना फिल्म पिट जाएगी इसीलिए काफी डिटेल्स बनाई गई हैं|

श्रीवल्ली, पुष्पा और बाकी कैरेक्टर्स को जोड़ा गया है यहीं से निकलता है पॉइंट नंबर छह ये जो जात्रा वाला सीक्वेंस है ना इसको अलग ही तरीके से इमेजिन किया गया है, जो आपने देखा है अभी तक ट्रेलर में वो 1 प्रतिशत भी नहीं है| शायद फर्स्ट टाइम ऐसा होगा जब पुष्पा के बारे में बात करते वक्त आपको अल्लू अर्जुन के अलावा समझ आएगा कि फिल्म के असली मास्टरमाइंड का क्रेडिट सुकुमार को देना है| हर जगह पे म्यूजिक विजुअल्स एक्शन और एनर्जी सब कुछ रिकॉर्ड ब्रेकिंग है, मतलब इंडियन सिनेमा का वन ऑफ द मोस्ट पावरफुल सीन हो सकता है, वो बिना किसी शक| मुझे नहीं लगता इस वक्त इंडियन सिनेमा में कोई ऐसा एक्टर होगा जो इतना बड़ा रिस्क लेगा ऐसा ट्रांसफॉर्मेशन चुन के, लेकिन अल्लू अर्जुन ने एक्टिंग की नई कैटेगरी बना दी है|

लेकिन पॉइंट नंबर सात अल्लू अर्जुन के फैंस को चुभ सकता है क्योंकि हीरो जितना सॉलिड है उसके बिल्कुल बराबर असर डाला है इस फिल्म के विलन और डेंजर भँवर सिंह ने, असली सरप्राइज इस फिल्म में यही एक कैरेक्टर है| पार्ट वन में तो बस 10 प्रतिशत शुरुआत हुई थी इस बार बाकी 90 प्रतिशत से नेगेटिव रोल करने वाले एक्टर्स का करियर हिला डाला है, बहुत ही ज्यादा अनप्रिडिक्टेबल कैरेक्टर है भाई इनका| अगले सीन में यह क्या कर दें आप सोच नहीं सकते, दिमाग और ताकत दोनों से पुष्पा को चैलेंज कर दिया| अल्लू अर्जुन के पास फैंस का सपोर्ट है तो फाफा फहद फाजिल ने एक्टिंग टैलेंट से उनको मैच कर दिया, उनके आधे सींस में भी फिल्म पे उतना ही असर छोड़ दिया|

अच्छा पॉइंट नंबर आठ बहुत जरूरी है, क्योंकि काफी लोग डर रहे थे 3 घंटे 20 मिनट की फिल्म आज के टाइम में 3 सेकंड की रील्स और शॉर्ट्स देखने वाली ऑडियंस कैसे बैठ पाएगी, लेकिन दोस्त पुष्पा टू में इतनी सारी चीजें हो रही है ना कि 200 मिनट में एक मिनट भी आपको फालतू या एक्स्ट्रा नहीं लगने वाला| पॉलिटिक्स, पावर, स्पिरिचुअलिटी बहुत कुछ है, काफी नए कैरेक्टर्स भी आए हैं जिनमें एक्स्ट्रा दिमाग लगाना पड़ेगा और फिल्म जिस तरीके से खत्म होगी आप एक्स्ट्रा 200 मिनट उसके बारे में सोचते रह जाओगे| शायद नोटिस ना किया हो पुष्पा पार्ट वन भी पूरे 3 घंटे लंबी फिल्म थी तो इस बार एक्स्ट्रा 20 मिनट को आप बोनस की तरह देखो, यकीन करो नुकसान नहीं फायदा होगा|

पॉइंट नंबर नौ इस बात पे हम सब लोग एक साथ एग्री करेंगे कि पुष्पा टू का म्यूजिक काफी लो लेवल जैसा लग रहा था, एक भी सॉन्ग पार्ट वन की म्यूजिक के आसपास नहीं था| लेकिन सरप्राइजिंगली फिल्म में जिस तरह ये गाने डाले गए हैं, कहानी में जिस जगह वो आते हैं, इनका थिएटर एक्सपीरियंस जितना सोचा था उतना बुरा नहीं लगा| मैं ये नहीं बोल रही हूं कि खराब गाना थिएटर में अच्छा हो गया लेकिन उसके खराब होने पे किसी का ध्यान नहीं गया इसके लिए क्रेडिट देना पड़ेगा| डांस नंबर फटाफट खत्म हो जाते हैं उसमें बुराई निकालने का टाइम मिलेगा ही नहीं, फिर जो थोड़ा रोमांस वाला एंगल है उसमें रश्मिका, अल्लू अर्जुन के अलावा किसी चीज पे ध्यान जाए ही नहीं|

बस यही तो है अपना आखिरी लेकिन सबसे दमदार पॉइंट नंबर 10, अल्लू अर्जुन द ब्रांड इंडिया की सबसे बड़ी फिल्म का सबसे बड़ा एक्टर, फिल्म को एक्सपीरियंस में बदल दिया| एक्शन, डांस, रोमांस, इमोशन हर कैटेगरी में अल्लू अर्जुन फायर लग रहे हैं| उनके सींस में ऐसा लगता है एनर्जी थिएटर में बाहर आ गई है| मानना पड़ेगा अल्लू अर्जुन अपने दिमाग में पूरी तरह डायरेक्टर के इशारों पे नाचने वाले एक्टर बन गए हैं, स्टार कोई भी बन सकता है लेकिन एक्टर बनके दिखाया है उन्होंने इस फिल्म में| अनएक्सपेक्टेड पागलपन देखने को मिलेगा उनके ट्रांसफॉर्मेशन में लेकिन सिर्फ उतना नहीं, ट्रेलर में जो शब्द बोला है वाइल्ड फायर उसको जस्टिफाई करके बताया है| रश्मिका का रोल थोड़ा सपोर्टिंग सा है लेकिन कहानी उनके बिना अधूरी है, श्रीवल्ली को सबने इग्नोर किया पार्ट वन में लेकिन इस बार रश्मिका को सब याद रखेंगे|

तो बॉस पुष्पा टू को पांच में से साढ़े चार स्टार्स मिलते हैं पहला सुकुमार की सोच बड़ा इमेजिनेशन, दूसरा केजीएफ बाहुबली फ्रेंचाइजी की तरह पार्ट वन के बाद लोगों की एक्सपेक्टेशन को पार्ट टू से मैच करना, तीसरा एकदम एंड तक कहानी को इंटरेस्टिंग तरीके से आगे बढ़ाना, 200 मिनट लोगों को बिठाना और मजे दिलाना| चौथा कास्टिंग जबरदस्त लगी मुझे हर एक्टर अपने रोल में फिट है फिर अल्लू अर्जुन और फाफा की तारीफ ऑलरेडी काफी हो चुकी है| बाकी आधा स्पेशली वो गंगम्मा जात्रा सीक्वेंस जो सोशल मीडिया पर वायरल होने वाला है|

नेगेटिव पॉइंट बस यही है कि पुष्पा टू की टीम को गानों में थोड़े ज्यादा एफर्ट्स डालने थे, वहां पे हड़बड़ी जल्दबाजी फील कर सकते हो| कोई गाना अगर दिमाग में घुसता है तो प्रमोशन फ्री में हो जाता है, जैसे श्रीवल्ली या फिर सामन्था वाला सॉन्ग, वो चीज इस बार रिपीट नहीं होगी जो होनी चाहिए थी| आपका सवाल इंडिया की सबसे बड़ी फिल्म ना सिर्फ इंडिया नहीं पूरी दुनिया पुष्पा के बारे में बातें करेगी पैसों का तूफान आएगा जिसमें बॉक्स ऑफिस टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा, शर्त लगा लो|