1. प्रस्तावना और प्रारंभिक जीवन

  • सादगी और हास्य का संगम: अनिल अग्रवाल के साथ बातचीत की शुरुआत हल्के-फुल्के माहौल से होती है। वे अपने बचपन के सपनों, गायक बनने की इच्छा, और अंग्रेजी सीखने के संघर्षों को साझा करते हैं।
  • शादी का मजेदार किस्सा: पत्नी किरण से शादी से पहले उन्हें स्कूल जाते हुए चुपके से देखने का वाकया बताते हैं, जो छोटे शहरों की सामाजिक मान्यताओं को दर्शाता है।
  • वित्तीय अनुशासन: पत्नी द्वारा रोज़ाना 200 पाउंड का बजट दिए जाने और सादगी भरे जीवन पर ज़ोर देते हैं।

2. व्यवसायिक सफर की शुरुआत

  • मुंबई का संघर्ष: 19-20 साल की उम्र में मुंबई पहुँचकर शमशेर स्टर्लिंग जैसी कंपनियों को खरीदने की कहानी।
  • धीरूभाई अंबानी से प्रेरणा: उनकी सादगी और हिंदी में बात करने के अंदाज़ ने अनिल को प्रभावित किया।
  • पहली फैक्ट्री: बैंकर्प्ट कंपनी खरीदकर केबल बनाने की शुरुआत और यूनियन नेता दत्ता सामंत के साथ टकराव।

3. वैश्विक पहचान और लंदन स्टॉक एक्सचेंज

  • ग्लोबल विजन: लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के लिए अटल बिहारी वाजपेई और जसवंत सिंह का सहयोग।
  • भारत को वैश्विक बनाने का सपना: कॉपर, एलुमिनियम जैसे प्रोजेक्ट्स के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश।

4. पर्यावरणीय विवाद और समाधान

  • तूतीकोरिन प्लांट विवाद: पर्यावरणवादियों के विरोध और राजनीतिक मुद्देबाजी के बावजूद प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय संपत्ति बताना।
  • खनन और विकास का संतुलन: “खनन से पिछड़ेंगे नहीं, आगे बढ़ेंगे” के मंत्र के साथ प्राकृतिक संसाधनों के दोहन की वकालत।

5. शिक्षा और समाज कल्याण में योगदान

  • नंद घर परियोजना: 8 करोड़ बच्चों और महिलाओं के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का संकल्प।
  • विश्वस्तरीय यूनिवर्सिटी का सपना: भारत में डिजिटल और रिसर्च-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की योजना।

6. भविष्य की योजनाएं और दृष्टिकोण

  • सेमीकंडक्टर और एआई: टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश और युवाओं को अवसर देने पर ज़ोर।
  • बिहार में उद्योग: राज्य में रिन्यूएबल एनर्जी और एलुमिनियम प्रोजेक्ट्स लाने की इच्छा।
  • तेल उत्पादन का लक्ष्य: भारत को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कम लागत पर तेल उत्पादन की योजना।

7. व्यक्तिगत जीवन और विचार

  • सादा जीवन: “पैसा कमाना बाय-प्रोडक्ट है, मकसद समाज की सेवा करना है” का दर्शन।
  • बॉलीवुड से जुड़ाव: शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन जैसे सितारों के साथ मित्रता और संवेदनशीलता।
  • भोजपुरी संस्कृति से जुड़ाव: गंगा मैया के भजन और देसी खान-पान की यादें।